वीर-ज़ारा

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वीर-ज़ारा
Veer-Zaara
Movie poster for Veer-Zaara
निर्देशक यश चोपड़ा
अभिनेता शाहरुख़ ख़ान,
प्रीति ज़िंटा,
अमिताभ बच्चन,
रानी मुखर्जी,
हेमामालिनी
प्रदर्शन तिथि(याँ) 12 नवंबर, 2004
देश भारत
भाषा हिन्दी

वीर-ज़ारा २००४ में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।

संक्षेप

यह फ़िल्म यश चोपड़ा द्वारा बनाई गई एक प्रेम कहानी है। इसमें भारतीय वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर वीर प्रताप सिंह (शाहरुख खान) और पाकिस्तान की ज़ारा हयात खान (प्रीती ज़िंटा) के बीच प्रेम दिखाया गया है। फ़िल्म में दोनों की मुलाक़ात तब होती है जब ज़ारा, जो पाकिस्तान से अपनी बेबे (ज़ोहरा सहगल) की अस्थियाँ कीरतपुर साहिब में बहाने आई होती हैं, की बस पहाड़ों में फँस जाती है और उन्हें (और बस के अन्य यात्रियों को) बचाने के लिए भारतीय वायु सेना से वीर (हेलिकॉप्टर में) आते हैं। इसके बाद वीर ज़ारा को अपना गाँव दिखाने ले जाते हैं और वहाँ उन्हें ज़ारा से प्यार हो जाता है। गाँव में वीर ज़ारा को अपने बाउजी (अमिताभ बच्चन) और माती (हेमा मालिनी) से भी मिलवाते हैं। ज़ारा वीर के गाँव में एक दिन (लोहड़ी के दिन) रूकती हैं। ज़ारा वीर को ये नहीं बताती कि उनकी मंगनी रज़ा शिराज़ी (मनोज वाजपेयी) से हो चुकी है। जब वीर ज़ारा को स्टेशन पर छोड़ने जाते हैं तो रज़ा उन्हें वहाँ मिलते हैं और उन्हें इस बात का पता चलता है। वो रज़ा के सामने ज़ारा से अपनी मुहब्बत का इज़हार करते हैं और ज़ारा रज़ा के साथ वापिस पाकिस्तान चली जाती हैं।

कुछ समय बाद वीर को ज़ारा के घर से शब्बो (दिव्या दत्ता) का फ़ोन आता है और वो वायुसेना से इस्तीफ़ा देकर पाकिस्तान चले जाते हैं। लाहौर में ज़ारा के पिता को वीर के अचानक आने से और ज़ारा के वीर से मिलने से दिल का दौरा पड़ जाता है। फिर ज़ारा से मिलते हैं और उन्हें समझाते हैं की उन्हें शादी करनी होगी। ज़ारा शादी के लिए हाँमी भर देती हैं, पर रज़ा वीर को भारत के रिसर्च ऐंड ऐनैलिसिस विंग (रौ) का एजेंट होने के झूठे इलज़ाम में पाकिस्तान में जेल भिजवा देते हैं।

कई साल बाद सामया सिद्दीक़ी (रानी मुखर्जी) वीर का केस लेती हैं और वीर उन्हें अपनी पूरी कहानी बताते हैं। सामया भारत जाती हैं वीर के गाँव से सुबूत लाने और वहाँ उन्हें ज़ारा मिलती हैं, जो कई साल से शब्बो के साथ वहीं रह रही होती हैं। वहाँ जिस बस में वीर आने वाले थे, उस बस के पहाड़ से गिरने की खबर आई होती है और दोनों को यही पता होता है की वीर मर गए हैं। सामया उन्हें सच्चाई बताती हैं और वे सामया के साथ सुबूत लेकर पाकिस्तान जाती हैं। वीर केस जीत जाते हैं और वीर और ज़ारा वीर के गाँव में रहने लगते हैं।

चरित्र

मुख्य कलाकार

दल

संगीत

फ़िल्म के गीतों के बोल जावेद अख्तर ने दिए हैं और संगीत निर्देशन मदन मोहन ने किया है। फ़िल्म के गाने हैं:

  • ऐसा देस है मेरा
  • आया तेरे दर पर दीवाना
  • दो पल
  • हम तो भई जैसे हैं
  • जानम देख लो
  • क्यों हवा
  • तेरे कुर्बान जावाँ
  • तेरे लिए

रोचक तथ्य

परिणाम

बौक्स ऑफिस

वीर-ज़ारा सिनेमा घरों में १२ नवम्बर २००४ को आई और विश्वभर में कुल $९४२.२ मिलियन का व्यवासाय किया। इस फिल्म ने भारत में $ ५८० की कमाई की और उस साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर बन गयी। अपने पेहले ही हफ्ते में $१७० मिलियन का व्यवसाय कर यह फिल्म २००५ तक पेहले हफ्ते में सबासे अधिक व्यवसाय करने वाली फिल्म बनी रही। वीर-ज़ारा ने न केवल भारत और पकिस्तन, बल्कि यू.के, जर्मनी, फ्रान्स, दक्षिण अफ्रीका और अम्रीका में भी $३५७.५ मिलियन का व्यवसाय कीया और उस साल की सबासे सफल अंतराष्टिय स्थर पर रिलीस होने वाली बॉलिवूड फिल्म बा गयी। बर्लिन फिल्म उत्सव में जब यह फिल्म दिखाई गयी तो दर्शकों ने इसे खूब सराहा। अप्रिल २००६ में वीर-ज़ारा का परिस के सबसे बड़े थिएटर, द् ग्रॉड रेक्स में प्रथम प्रदर्शन हुआ। यह पेहली हिंदी फिल्म है जिसे इतने विशाल अंतराष्ट्रिय स्थर पर दिखया गया है।

समीक्षाएँ

वीर-ज़ारा को समीक्ष्को ने भी सरांहा और उसे अधिक्तर सकरात्मक प्रतिक्रिया दी।

नामांकन और पुरस्कार

जो पुरस्कार वीर-ज़ारा ने जीते वो सब बोल्ड हैं

फ़िल्मफ़ेयर

IIFA Awards

National Film Awards

Stardust Awards

Star Screen Awards

Zee Cine Awards

Bollywood Movie Awards

Global Indian Film Awards

बाहरी कड़ियाँ